धूल के कणों के कारण देश-विदेश की सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से प्रदूषण को लेकर जारी रिपोर्ट में जोधपुर का नाम प्रमुखता से आ रहा है। इस वजह से पर्यटन के लिहाज से जोधपुर बदनाम हो रहा है। हालांकि इस बार आईक्यूएयर एयर विजुअल की रिपोर्ट राहत की खबर लेकर आई है। इस संस्था की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में प्रदूषण के मानकों पर विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में जोधपुर 29वें नंबर पर रहा जबकि पिछले साल इसी संस्था ने जोधपुर को सबसे प्रदूषित शहरों में 12वें स्थान पर रखा था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंडों के आधार पर बनने वाली इन रिपोर्ट में इस बार जोधपुर की जो स्थिति है, वह दो साल पहले से बेहतर है।
पिछले साल की रिपोर्ट का गहन अध्ययन करने पर पता चला कि जून 2018 में ज्यादा आंधी चलने के कारण जोधपुर में पीएम 2.5 का स्तर 218 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब तक पहुंच गया था। इससे सालभर का औसत बढ़कर 113.4 तक पहुंच गया और इसी वजह से यह सूची में ऊपर हो गया। गौरतलब है कि बीते माह गैर सरकारी संगठन ग्रीन पीस इंडिया की ओर से जारी प्रदूषित शहरों की रिपोर्ट में जोधपुर को देश के 287 शहरों में 12वें नंबर पर और राजस्थान में पहले नंबर पर रखा था। आईक्यूएयर एयर विजुअल द्वारा तैयार 2019 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट में विश्व के 30 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार 21 भारतीय शहरों में जोधपुर भी शामिल है।
ऐसे मापा गया जोधपुर का प्रदूषण
ग्लोबल एयर क्वालिटी इन्फोर्मेशन कंपनी आईक्यूएआईआर के रिसर्चर्स ने जोधपुर में लगे ग्राउंड मॉनिटरिंग स्टेशन के जरिए मिले पीएम 2.5 के डेटा के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। पीएम 2.5 वायु में घुले बेहद ही छोटे कण होते हैं, जिन्हें सिर्फ माइक्रोस्कोप की मदद से देखा जा सकता है। सांस लेने के दौरान ये कण आसानी से फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं, जो बेहद नुकसानदायक है। ये आगे चलकर फेफड़ों और हृदय से जुड़ी बीमारियों के कारण बनते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक जिस शहर का पीएम 2.5 का स्तर 10 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब है, तो उसे बेहतर शहर माना गया है।